Piles in Hindi -पाइल्स की जानकारी,प्रकार,कारण,लक्षण,क्या परहेज करे,क्या खाये [ Piles information,Types,Causes,Symptoms,What to avoid in hindi ]

नमस्कार दोस्तों,
स्वागत है आपको मेडिकल जानकारी ब्लॉग में आज इस लेख में हम आपको जानकारी देने वाले है पाइल्स रोग के बारे में जिसे लोग ववासीर के नाम से भी जानते है तो इस लेख में आज पाइल्स की जानकारी इसके प्रकार,लक्षण,और आपको इसमें क्या खाना चाइये क्या नहीं खाना चाइये सारी जानकारी आपको विस्तार से देने वाला हूँ अगर आप वीडियो के जरिये जानकारी देखना चाहते है तो आप हमारे यूट्यूब चैनल मेडिकल जानकारी में जानकर देख सकते है और चैनल को सब्सक्राइब जरूर करे !

पाइल्स रोग की सामान्य जानकारी -[General information of Piles disease]-

पाइल्स को बवासीर भी कहा जाता है इसे चिकित्सा भाषा में हेमरॉइड्स (Hemorrhoids) कहा जाता है। इस बीमारी में गुदा यानि एनिस के अंदरुनी और बाहरी हिस्से में और रेक्टम (मलाशय) की नसों में सूजन आ जाती है। नसों में सूजन के अलावा गुदा के अंदर और बाहर या किसी एक जगह मस्से डेवलप हो जाते हैं, जो कभी अंदर रहते हैं, तो कभी बाहर भी आ जाते हैं। ये बीमारी का इलाज ज्यादा मुश्किल  नहीं है लेकिन थोड़ा परहेज जरुरी है अगर आप परहेज रखे या इलज सही से ले तो इस रोग से छुटकारा पा सकते है ये रोग आज के समय में बहुत ज्यादा  होता है क्यूई आज कल की लाइफस्टाइल बहुत बुरे हो गए है जिसके वजा से खाना पीना सही तरीका नहीं होता है और पाइल्स जैसी रोग होते है !!


पाइल्स रोग के प्रकार [Types of Piles disease]-

पाइल्स या ववासीर रोग को ३ टाइप से बताय गए है जो निम्नलिखित है –
  1. internal Piles– इस पाइल्स में गुदा मार्ग के अंदर की तरफ से मस्से होते है इसमें गुदा के आसपास सूजन होती है जो आमतौर पर दिखाई नहीं देते और कभी कभी ये गुदा के अंदर होते हैं लेकिन कई बार ये मल के धक्का लगने से बाहर आ जाते हैं, पर इन्हें अंदर किया जा सकता है
  2. External Piles -इसमें मस्से गुदा मार्ग के जस्ट बहार की तरफ होते है प्रोलैप्सड बवासीर के नाम से भी जाना जाता है। इसमें मस्से गुदा के बाहरी हिस्से पर डेवलप होते हैं, जिन्हें पीड़ित बाहर लटका हुआ महसूस कर पाता है !
  3. Combined piles -इस स्थिति में मरीज के मस्से बहार व् अंदर होते है !
piles cause hindi


पाइल्स रोग के कारण [Causes of Piles disease]-

  • पाइल्स या ववासीर का कारन सबसे जायदा कब्ज या पेट के साफ न होना जैसे रोग से होता है !
  • मोटापा या प्रेगनेंसी 
  • दस्त रोग 
  • बहुत ज्यादा बैठे रहना 
  • पानी का सेवन कम करना 
  • भोजन में फाइबर की कमी होना 
  • कोहन रोग होना 
  • बहुत ज्यादा वजन उतना 
  • जंक फ़ूड [मोमो,नूडल्स,बर्गेर] आदि का ज्यादा सेवन 

 पाइल्स रोग के लक्षण [Symptoms of piles disease]-

  • गुदामार्ग में भारीपन
  • मॉल त्याग करते टाइम  या बाद मे खून आना 
  • जलन,लालिमा,दर्द,खुजली,सूजन 
  • गुदा में मस्से होना 
  • उठने बैठने में  परेशानी होना 
What to avoid while being piled, what to eat -


पाइल्स होने पर क्या परहेज रखे,क्या खाये [What to avoid,what to eat when there is piles]-

  • मिर्च मसाले,तले पदार्थ,जंक फ़ूड,आचार,चटनी,चावल,अंडे ,मिट,शराब,धूम्रपान आदि का सेवन न करे 
  • लगातार बैठे न रहे !
  • कम से कम 8 -10 गिलास या ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करे !
  • आराम से बैठकर गर्म पानी से नहाये !
  • affected part को मॉइस्ट रखे,इसके लिए साफ कपडे का प्रयोग करे !
  • अधिक से अधिक फाइबर  फ़ूड  का सेवन करे !
  • संतुलित आहार का सेवन करे जैसे-दाल,मिल्क,दही,दलीय,हरी सब्जी,फल,सलाद,आदि फाइबर का सेवन करे !
  • बवासीर के घरेलू उपचार में मूली का उपाय सबसे असरदार माना जाता है। मूली के रस में नमक मिलाकर दिन में 2 बार सेवन करें और रस में शहद मिलाकर गुदा के आसपास के हिस्से पर लगाने से दर्द और सूजन में आराम मिलता है।

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